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नारी सुधार आंदोलन एवं ब्रह्मसमाज- राजा राममोहन राय

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ना री सुधार आंदोलन एवं ब्रह्मसमाज -  19वीं शताब्दी के उदारवादी सुधारको में राजा राममोहन राय अग्रणी है आपने ब्रह्म समाज की स्थापना की। अनेक सामाजिक सुधारो के साथ नारी संबंधित उनके सुधार एवं कार्य बहुत महत्वपूर्ण है उन्होंने सर्वप्रथम सती प्रथा का विरोध किया उनके अथक प्रयासों के परिणाम स्वरुप लॉर्ड विलियम बैंटिक के समय में सती प्रथा को रोकने के लिए कानून पारित हुआ। स ती प्रथा का विरोध - राजा राममोहन राय प्रथम हिंदू थे जिन्होंने इस न की प्रथा के विरोध में सामाजिक कदम उठाया और इसे समाप्त करने की की जान से कोशिश की उन्होंने इसको प्रथा के विरुद्ध समाज में रहने वाले अपने अन्य साथियों को एकत्र किया तत्पश्चात अपनी रचनाओं लिखो पत्र पत्रिकाओं आदि के माध्यम से इस प्रथा के विरुद्ध जनसमूह का निर्माण प्रारंभ कर दिया जब किसी विधवा को बलपूर्वक चिता में जोग दिया जाता तो राजा जी के विरोध करने पर लोग उन्हें मुसलमान नास्तिक आदि का कर अपमानित करते और उन्हें वहां से हटा देते बाद में उनके इस कार्य में उनके एक अभिन्न मित्र व सहयोगी स्वामी हरिहरानंद ने उनकी सहायता व सराहना करते हुए सती प्रथा की कटु आलोचना क...

क्या E20 फ्यूल आपकी कार को नुकसान पहुंचा रहा है?

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क्या E20 फ्यूल आपकी कार को नुकसान पहुंचा रहा है? जबकि देश को वह बचा रहा है 1.06 लाख करोड़। E20 एक मिश्रित ईंधन है जिसमें 20% इथेनॉल और 80% पेट्रोल होता है। इथेनॉल गन्ना, चावल और मक्का जैसी फसलों से तैयार किया जाता है। भारत ने 20% ब्लेंडिंग का लक्ष्य तय समय से 5 साल पहले हासिल कर लिया। जिससे कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता घटी। 54 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन कम हुआ। यानी लगभग 1.2 करोड़ कारों को सड़कों से हटाने जितना असर। किसानों को 1.2 लाख करोड़ से ज्यादा का भुगतान हुआ। जिससे ग्रामीण आए और रोजगार को बढ़ावा मिला। लेकिन क्या यह फ्यूल आपकी कार के लिए सुरक्षित है? हाल ही की मीडिया रिपोर्ट्स में इंजन की सेहत और माइलेज को लेकर काफी सवाल उठे हैं। सरकार का कहना है नई गाड़ियों में माइलेज सिर्फ एक से 2% कम होता है। पुरानी गाड़ियों में 6% तक की गिरावट आ सकती है। नियमित सर्विसिंग कराने पर कोई बड़ा नुकसान नहीं होता। अप्रैल 2023 के बाद बनी गाड़ियां E20 के अनुकूल डिजाइन की गई है। इसीलिए फ्यूल तो अब हरियाली की राह पर है। लेकिन क्या आपकी गाड़ी भी तैयार है? 

भारत-पाकिस्तान के बीच एक बार फिर टेंशन बढ़ गई है।

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भारत-पाकिस्तान के बीच एक बार फिर टेंशन बढ़ गई है। पाकिस्तान ने इंडियन हाई कमीशन के डिप्लोमेट्स पर टारगेटेड रेस्ट्रिकशंस लगा दिया है। जिसमें कुकिंग गैस, ड्रिंकिंग वाटर और न्यूज़पेपर की सप्लाई तक रोक दी गई है। यह एक डेलीबेट और प्लांट स्टेप माना जा रहा है जो वियना कन्वेंशन का साफ उल्लंघन है। पाकिस्तानी अथॉरिटीज ने लोकल गैस वेंडर्स और मिनरल वाटर सप्लायर्स को आर्डर दिया कि वो इंडियन डिप्लोमेट्स को सप्लाई ना करें। इस्लामाबाद में टैप वाटर अनसेफ होने की वजह से यह मूव डिप्लोमेट्स और उनकी फैमिलीज के लिए बड़ी मुश्किल बन गया है। सिर्फ फ्यूल और पानी ही नहीं न्यूज़पेपर्स की सप्लाई भी बंद कर दी गई है। ऑफिशियल्स का कहना है कि यह प्रीटी रिटालिएशंस हैं जो ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और इंडस वाटर ट्रीटी को सस्पेंड करने के बाद लिया गया। यह पहली बार नहीं है कि जब इंडियन डिप्लोमेट्स को पाकिस्तान में हैरेस किया गया हो। पुलवामा अटैक के बाद सर्जिकल स्ट्र्राइक्स के टाइम भी इंडियन डिप्लोमेट्स को इसी तरह परेशान किया गया था। इस बीच पाकिस्तानी अथॉरिटीज ने इंडियन डिप्लोमेट्स की सर्विलेंस भी बढ़ा दी है। मतलब पाकिस्तान ...

क्या AI आपकी chats को गूगल पर दिखा रहा हैं।

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लोग चैटजीपीटी को थेरेपिस्ट, लॉयर, दोस्त या सलाहकार समझ कर अपनी निजी बातें शेयर करते रहे और वही बातें गूगल पर आ गईं.लेकिन यूजर्स को यह बात नहीं पता थी और जिन यूजर्स ने अपने चैट्स में पर्सनल डीटेल्स या लिंक्डइन जैसे लिंक्स मेन्शन किए थे उनको आइडेंटिफाई किया जा सकता है. हल्ला मचने के बाद, ओपनएआई ने अपना यह फीचर बंद कर दिया. ऐसे में आप सर्च कर सकते हैं कि आपकी चैट्स गूगल पर है या नहीं.सबसे पहले चेक करें कि आपने कभी कोई चैट शेयर की थी या नहीं,अगर की थी तो उस चैट का टाइटल कॉपी कर उसे गूगल पर सर्च करें.जो लिंक अब काम के नहीं है उन्हें डिलीट करें.अगर कोई चैट गूगल पर इंडेक्स हो गई है तो उसे गूगल रिमूवल टूल की मदद से हटाया जा सकता है.ऐसे में सावधानी बरतें. ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने तो खुद एक पॉडकास्ट बताया कि जरूरत पड़ने पर चैटजीपीटी से की गई चैट्स कोर्ट तक में पेश की जा सकती है. यानी चैटजीपीटी में डाला गया डेटा कंपनी सर्वर में सेव होता रहता है. इसलिए अपना नाम, पता, पासवर्ड, ऑफिस के डाक्यूमेंट्स, फनैन्शली या हेल्त रिपोर्ट्स चैटबॉट्स को ना दें और समय समय पर अपनी चैट्स को डिल...

श्री कृष्णा जी का व्यक्तित्व ओशो की दृष्टि से

  कृष्ण पर ज़्यादा भरोसा करना मुश्किल है, शायद कहीं और ऐसा कोई नहीं मिलेगा। किसी बात का पक्का वादा करना उसके बस की बात नहीं। बिलकुल छोटे बच्चे की तरह ही बर्ताव करता है। कसम खाई थी कि हथियार नहीं उठाएगा, फिर उठा लिया। कसमों का कोई हिसाब-किताब नहीं रखता, कौन याद रखे? कसम तो छोटी-छोटी बातों की होती हैं, लेकिन उसका व्यवहार बिलकुल बच्चे जैसा सच्चा है। लोग मुझसे पूछते हैं कि कृष्ण के इस रवैये में तुम क्या देखते हो? मैं कुछ खास नहीं देखता। बस एकदम सीधा-सादा बर्ताव है। कसम खाई थी किसी एक पल में, वो पल अब खत्म हो गया। नया पल आ गया। इस नए पल की नई स्थिति है, नई भावना है। अब इस नए पल के मुताबिक नया जवाब देना होगा। अगर पुरानी कसमों में फंस कर रह जाते तो... मर्यादा होती थी। बंधे नहीं रहे। नए ज़माने के साथ नए तरीके से बदले। तुमने कृष्ण का कोई नाम सुना है? रणछोड़ दास जी। भगोड़ा दास जी। जब मौका मिला तो भागना ही सही समझा। मतलब ये नहीं कि जिद पकड़े रहो, चाहे जान ही क्यों न चली जाए। हमारा झंडा ऊँचा रहे, लेकिन हालत देखो तो भागना ही ठीक है, उसमें घमंड नहीं दिखाना चाहिए। उनके भक्तों ने भी खूब नाम कमाया।...

भगवान श्रीकृष्ण: जीवन परिचय, लीलाएँ और दर्शन

भगवान श्रीकृष्ण: जीवन परिचय, लीलाएँ और दर्शन भगवान श्रीकृष्ण हिंदू धर्म में विष्णु के आठवें अवतार और "सर्वश्रेष्ठ पूर्णावतार" माने जाते हैं। उनका जीवन चमत्कारों, रहस्यों और गहन आध्यात्मिक शिक्षाओं से भरा है। आइए उनके जीवन के प्रमुख पहलुओं को समझें: 1. जन्म और प्रारंभिक जीवन - जन्म तिथि एवं स्थान: 21 जुलाई, 3228 ईसा पूर्व (भाद्रपद कृष्ण अष्टमी) को मथुरा के कारागार में ।   - माता-पिता: वासुदेव (पिता) और देवकी (माता), पालन-पोषण यशोदा और नंदबाबा द्वारा गोकुल में ।   - जन्म रहस्य: कंस को भविष्यवाणी थी कि देवकी की आठवीं संतान उसका वध करेगी। अतः कृष्ण के जन्म के तुरंत बाद वासुदेव ने उन्हें यमुना पार कर गोकुल पहुँचाया ।   - प्रारंभिक लीलाएँ:   - 6 दिन की उम्र: पूतना राक्षसी का वध ।   - 2 वर्ष: त्रिणिवर्त राक्षस का संहार ।   2. बाल्यावस्था की लीलाएँ   श्रीकृष्ण ने गोकुल और वृंदावन में अद्भुत चमत्कार दिखाए, जिनमें शामिल हैं:   कालिया नाग मर्दन- 5 वर्ष की आयु में यमुना नदी में विषैले सर्प का दमन किया ।      ...

**गणेश चतुर्थी का महत्व:**

भगवान गणेश, जिन्हें गजानन, विघ्नहर्ता, लंबोदर और विनायक जैसे नामों से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय और पूजनीय देवताओं में से एक हैं। उन्हें समस्त विघ्नों का नाशक, बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि के देवता माना जाता है। गणेश जी का सिर हाथी का है और उनका वाहन मूषक (चूहा) है।  गणेश जी की पूजा किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में की जाती है, क्योंकि उन्हें शुभारंभ के देवता माना जाता है। उनकी उपासना से सभी कार्य बिना किसी विघ्न या बाधा के सफल होते हैं। उनकी पूजा विशेष रूप से गणेश चतुर्थी पर की जाती है, जब भक्त उनकी मूर्ति की स्थापना कर विशेष आराधना करते हैं।  गणेश जी की कथाएँ और उनका महत्व भारतीय संस्कृति और पौराणिक कथाओं में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उनके जन्म की कई कथाएँ हैं, जिनमें से एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, उन्हें माता पार्वती ने अपने उबटन से बनाया था और शिवजी द्वारा उनका सिर काटे जाने के बाद उन्हें हाथी का सिर लगाया गया था। **गणेश चतुर्थी** एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इसे विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा-अर्चना और आराधना के लिए मन...