क्या AI आपकी chats को गूगल पर दिखा रहा हैं।

क्या AI आपकी chats को गूगल पर दिखा रहा हैं।

लोग चैटजीपीटी को थेरेपिस्ट, लॉयर, दोस्त या सलाहकार समझ कर अपनी निजी बातें शेयर करते रहे और वही बातें गूगल पर आ गईं.लेकिन यूजर्स को यह बात नहीं पता थी और जिन यूजर्स ने अपने चैट्स में पर्सनल डीटेल्स या लिंक्डइन जैसे लिंक्स मेन्शन किए थे उनको आइडेंटिफाई किया जा सकता है. हल्ला मचने के बाद, ओपनएआई ने अपना यह फीचर बंद कर दिया. ऐसे में आप सर्च कर सकते हैं कि आपकी चैट्स गूगल पर है या नहीं.सबसे पहले चेक करें कि आपने कभी कोई चैट शेयर की थी या नहीं,अगर की थी तो उस चैट का टाइटल कॉपी कर उसे गूगल पर सर्च करें.जो लिंक अब काम के नहीं है उन्हें डिलीट करें.अगर कोई चैट गूगल पर इंडेक्स हो गई है तो उसे गूगल रिमूवल टूल की मदद से हटाया जा सकता है.ऐसे में सावधानी बरतें.

ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने तो खुद एक पॉडकास्ट बताया कि जरूरत पड़ने पर चैटजीपीटी से की गई चैट्स कोर्ट तक में पेश की जा सकती है. यानी चैटजीपीटी में डाला गया डेटा कंपनी सर्वर में सेव होता रहता है. इसलिए अपना नाम, पता, पासवर्ड, ऑफिस के डाक्यूमेंट्स, फनैन्शली या हेल्त रिपोर्ट्स चैटबॉट्स को ना दें और समय समय पर अपनी चैट्स को डिलीट करते रहें. वेबसाइट या एआई टूल के प्राइवेसी गाइडलाइन्स पढ़ने में लंबे जरूर लग सकते हैं, लेकिन पढ़ना जरूरी है.आपका डेटा कहां स्टोर किया जाएगा? क्या उसे एआई को ट्रेन करने में इस्तेमाल किया जाएगा? इस तरह के सवालों के जवाब आपको वहीं मिलेंगे.


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