क्या AI आपकी chats को गूगल पर दिखा रहा हैं।
ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने तो खुद एक पॉडकास्ट बताया कि जरूरत पड़ने पर चैटजीपीटी से की गई चैट्स कोर्ट तक में पेश की जा सकती है. यानी चैटजीपीटी में डाला गया डेटा कंपनी सर्वर में सेव होता रहता है. इसलिए अपना नाम, पता, पासवर्ड, ऑफिस के डाक्यूमेंट्स, फनैन्शली या हेल्त रिपोर्ट्स चैटबॉट्स को ना दें और समय समय पर अपनी चैट्स को डिलीट करते रहें. वेबसाइट या एआई टूल के प्राइवेसी गाइडलाइन्स पढ़ने में लंबे जरूर लग सकते हैं, लेकिन पढ़ना जरूरी है.आपका डेटा कहां स्टोर किया जाएगा? क्या उसे एआई को ट्रेन करने में इस्तेमाल किया जाएगा? इस तरह के सवालों के जवाब आपको वहीं मिलेंगे.
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