कोई आपका पीछा कर रहा है ?

सायबर स्टॉकिंग के बारे में सुना है आपने ? 

यह वही आभासी दुनिया में पीछा करने वाला दीवाना है जिससे आपको सावधान रहना है । अगर आप सोशल मीडिया पर सुरक्षित रहना चाहती हैं , तो ज़रा गौर करें ।आप सोशल मीडिया पर जो जानकारी साझा कर रहे हैं , दोस्तओ और करीबियों के अलावा भी कोई है जो जानता है कि आप कहां हैं और क्या कर रही हैं । आपकी हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है । ये कैसे आपको नुकसान पहुंचा रहे हैं , इस आलेख से समझ सकते हैं । 

सोशल मीडिया पर स्टॉकिंग 

किसी भी सोशल मीडिया वेबसाइट के जरिए होने वाले स्टॉकिंग को ' कैटफिशिंग ' कहते हैं । इसमें सोशल मीडिया पर नकली नाम , फोटो यो स्थान का इस्तेमाल करके आईडी बनाई जाती है । लोगों से जुड़कर और फिर उनके म्यूचल फ्रेंड्स में शामिल होकर कई अकाउंट्स को रिक्वेस्ट भेजते हैं । इसके जरिए लोगों से ऑनलाइन बातचीत करके दोस्त बनने की कोशिश करते हैं । आपकी हर गतिविधि पर इनकी नजर होती है । खासतौर पर महिलाओं को निशाना बनाया जाता है । महिलाओं की सुरक्षा के लिए इससे सतर्क रहना बहुत जरूरी है । इसी तरह मैसेंजर और ई - मेल पर अनजान आईडी या नंबर से भेजे गए लिंक के जरिए आपका सिस्टम हैक किया जा सकता है और डाटा चुराया जा सकता है । 

कैसे पहचानें नकली है या नहीं 

किसी अंजान व्यक्ति को फ्रेंड लिस्ट में शामिल नहीं करने की सलाह दी जाती है । अगर इसके बावजूद किसी से जुड़ना चाहती हैं तो इन बातों को ध्यान रखें . . . 
1.सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों की सूची देखिए कि कहीं इसमें ऐसे लोग तो मौजूद नहीं जिन्हें आप नहीं जानती हैं । यदि हैं तो पहले उनकी पूरी प्रोफाइल देखिए । प्रोफाइल कब बनी है और कोई पोस्ट है या नहीं । अगर प्रोफाइल खाली है और हाल ही में बनाई गई है तो इसे हटा दें । अमूमन फेक प्रोफाइल्स में सैलेब्रिटी या वॉलपेपर आदि लगे होते हैं । 2.प्रोफाइल की फोटो को ' रिवर्स गूगल सर्च ' पर जाकर खोजिए । अगर प्रोफाइल फेक है तो इससे पता चल जाएगा कि ये फोटो कहां से जुटाई गई है । 
3.व्यक्ति की फोटो , उसके दोस्तों और करीबियों की फोटो देखें । किन तस्वीरों में टैग है या उसकी फ्रेंड लिस्ट में कौन - कौन है । इससे भी जानकारी मिलेगी ।

नए यूज़र ख़्याल रखें 

अगर आपने मोबाइल , इंटरनेट और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना अभी सीखा है तो आपके लिए सतर्क रहना बहत जरूरी है। खासतौर पर बच्चे और बड़े - बुजुर्ग । कई चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें समझने में मुश्किल हो सकती है । मैसेंजर , मैसेज या ई - मेल पर भेजे गए किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करें । किसी अंजान व्यक्ति की रिक्वेस्ट सीधे - सीधे स्वीकार नहीं करें । भले वो समान कंपनी , संस्था या करीबी की फ्रेंड लिस्ट में ही क्यों न हो । किसी कमेंट बॉक्स या चैट पर भेजे गए जीआईएफ डाउनलोड करने से भी बचें।

ग़लतियां जो हमेशा कर बैठते हैं 

1.अगर तस्वीरें साझा कर रहे हैं तो जगह का नाम , किसके साथ हैं और किस मोबाइल से तस्वीरें ले रहे हैं इसकी जानकारी पोस्ट के साथ नहीं दें । स्टॉकर्स के लिए तस्वीरों से भी जानकारी जुटाना आसान हो गया है । 
2.ऑफिस या किसी और के कम्प्यूटर पर ई - मेल या सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया है तो इसे लॉग आउट करने के साथ - साथ यूजर आईडी भी डिलीट करने का पूरा ध्यान रखें । 
3.आपका पासवर्ड आपके अलावा किसी और के पास नहीं होना चाहिए , फिर वो दोस्त या करीबी ही क्यों न हो । अगर कोई पासवर्ड जानता है तो पासवर्ड फौरन बदल दीजिए । 

खुद को ऑनलाइन ढूंढें 

क्या आपने कभी खुद को इंटरनेट पर ढूंढा है ? अगर नहीं तो अपना नाम सर्च इंजन पर डालकर देखिए । इससे जान सकेंगे कि आपकी प्रोफाइल किन वेबसाइट पर पब्लिक है । इसके बाद नाम के साथ फोन नंबर डालकर सर्च करें । फिर इनके साथ पता , ई - मेल एड्रेस , जन्म तारीख डालकर खोजें । आप अपनी तस्वीर ' रिवर्स गूगल इमेज ' पर डालकर भी खोज सकते हैं । इससे जानकारी मिलेगी कि आपके द्वारा इस्तेमाल की जा रही किन वेबसाइट पर फोटो सार्वजनिक है । अगर कोई आपकी तस्वीर का उपयोग किसी अन्य प्रोफाइल के लिए कर रहा है तो इसकी जानकारी भी मिल सकती है । 

शिकायत मुमकिन है ? 

अगर आपको लगता है कि सोशल मीडिया , फोन या मेसेज के जरिए आपको कोई परेशान कर रहा है तो इसका स्क्रीनशॉट अपने पास सुरक्षित रखें । इसकी शिकायत पुलिस में कर सकते हैं । पुलिस डिपार्टमेंट में सायबर क्राइम यूनिट मौजूट होती है 

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