दुनिया को अलविदा कह गए क्लासिक हॉरर फिल्मों के पायोनियर श्याम रामसे

सिनेमा में हॉरर का तड़का लगाने वाले श्याम रामसे ने किया था भूतों से मुलाकात का दावा

हारर फिल्मों के दिग्गज निर्देशकों में गिने का जाने वाले श्याम रामसे का निधन हो गया है। श्याम को सीने में दर्द की शिकायत के बाद मुंबई के कोकीलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया , जहां उनकी मौत हो गई । उनके बड़े भाई तुलसी रामसे की भी पिछले साल दिसंबर 2018 महीने में हार्ट अटैक आने से मौत हो गई थी । श्याम उन सात रामसे ब्रदर्स में से एक हैं जो 1970 और 1980 के दशक में इंडियन सिनेमा में बेहद सक्रिय थे । श्याम इस समूह के मुख्य कलाकार और हेड भी थे । उन्होंने ' दरवाजा ' , ' पुराना मंदिर ' , ' वीराना ' जैसी फिल्मों में जो सुपरनैचुरल दुनिया दर्शकों को दिखाई थी , उसने दर्शकों में हॉरर फिल्मों के प्रति एक अलग ही क्रेज पैदा किया था । इस सबके बावजूद स्थिति यह रही कि उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने बॉलीवुड से कोई भी बड़ा कलाकार नहीं पहुंचा । बता दें कि श्याम रामसे अपने भाइयों और पिता फतेहचंद रामसिंघानी के साथ विभाजन के बाद कराची से मुंबई चले आए थे । परिवार का इलेक्ट्रॉनिक्स का कारोबार था । हॉरर फिल्मों का निर्माण करने से पहले 1954 में ही रामसे का परिवार फिल्म निर्माण की दुनिया में उतर चुका था ।

इन हॉरर फिल्मों का श्याम ने किया था निर्माण 

श्याम ने 1972 में बॉलीवुड की पहली हॉरर फिल्म ' दो गज जमीन के नीचे बनाई थी । उन्होंने कई हॉरर फिल्मों का निर्माण किया है । जिनमें ' दरवाजा ' , ' पुराना मंदिर ' और ' वीराना ' , ' पुरानी हवेली ' , ' तहखाना ' जैसी फिल्में हैं । बताया जाता कि श्याम रामसे 1988 में रिलीज हुई अपनी हिट हॉरर फिल्म ' वीराना ' का सीक्वेल बनाने की तैयारी कर रहे थे , जिसे लेकर वे काफी उत्साहित थे । श्याम रामसे ने अपने भाईयों के साथ मिलकर कई हॉरर टीवी शोज का भी निर्माण और निर्देशन किया था । इन हॉरर फिल्मों के पीछे असली सोच श्याम रामसे की होती थी । उनके - परिवार में उनकी दो बेटियां साशा और नम्रता हैं , जिनमें से साशा रामसे हॉरर फिल्मों की अपने पिता की विरासत को संभालने की तैयारी कर रही हैं । वे अब इन फिल्मों को वेब सीरीज में बदलेंगी ।

गाड़ी में बैठी थी चुडैल . . . 

श्याम की चुडैल और भूतों से भी मुलाकात हुई है । पिछले साल अपने एक इंटरव्यू वीडियो में वह यह किस्सा सुनाते दिखे . कि . . . एक बार उन्हें रास्ते में एक लड़की मिली जिसे उन्होंने लिफ्ट दी । कुछ देर साथ गाड़ी में सफर करने के बाद एक कब्रिस्तान आया । लड़की ने उनसे कहा कि आप यहीं पर गोड़ी रोक दीजिए । वह लड़की कार का दरवाजा खोलकर उतरी और चलती हुई कब्रिस्तान में चली गई और उनकी आंखों के आगे ही गायब हो हई । बकौल , श्याम वह लड़की चुडैल थी ।


भूत देखकर बेहोश हो गई थी बेटी

पुराना मंदिर की शूटिंग के समय उनकी बेटी साशा सेट पर पहुंची थी और अचानक से सामरी बने 6 फीट लंबे अनिरुद्ध अग्रवाल उनके सामने आ गए । उनका डरावना मेकअप और लुक देखकर वह बेहोश हो गई थी । इसके बाद श्याम उन्हें घर ले आए ।


रूह कंपाकर की खूब कमाई 

कम बजट में बनने वाली उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर खूब कमाई करती थीं । उस दौर में फिल्मों को पूरा होने में एक साल और 50 लाख रुपए तक लग जाते थे , लेकिन ' दो गज जमीन के नीचे ' केवल साढ़े तीन लाख में बनीं थी । फिल्म में एक्टर्स द्वारा पहने गए कपड़े उनके खुद के थे । फिल्म के लिए जरूरी जो भी सामान था वो किराए पर लिया गया था । अपनी फिल्मों में बोल्ड सीन दिखाने के पीछे उनका मकसद सिर्फ दर्शकों को रिलैक्शेसन देना था ।

'दो गज जमीन . . . ' अकेले देखने वाले को 1000 का ईनाम 

श्याम ने अपनी फिल्म दो गज जमीन के नीचे ' को हिट कराने के लिए पैंतरा भी आजमाया था । इस फिल्म को अकेले देखने वाले को ईनाम में 1000 रुपए दिए जाने की बात कही गई थी । जिस तरह से वो पहली हॉरर बॉलीवुड फिल्म लेकर आए थे उसी तरह टीवी पर भी पहला हॉरर शो यही लेकर आए । ये शो पूरे 8 साल चला था ।

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